Stac biography of albert einstein in hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय, शिक्षा, आविष्कार, आइक्यू, दिमाग, सुविचार, जयंती एवं रोचक तथ्य। (Albert Einstein Biography in Hindi, Birthday, Education, IQ, Inventions, IQ Level, Brain, Quotes In Hindi)
जब भी दुनियां के सबसे महान वैज्ञानिकों की बात आती है तो उसमें अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) का नाम ज़रूर गिना जाता है। अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान जर्मन भौतिक वैज्ञानिक थे।
आइंटीन ने विज्ञान और उसकी शाखा भौतिक विज्ञान में कई मूलभूत और महत्वपूर्ण सिद्धांत प्रतिपादित किए जिनके आधार पर आज दुनिया भर के छात्रों को फिजिक्स पढ़ाई जाती है।
अल्बर्ट आइंस्टाइन के सिद्धांतों की बदौलत ही आज मानव जाति टाइम ट्रैवेल अर्थात् समय यात्रा के बारे में सोच सकती है। आइंस्टाइन एक ऐसी शख्सियत थे इस जिन्होंने दुनिया को समय और गुरुत्वाकर्षण के बीच संबंधों और परस्पर प्रभाव के विषय में बताया।
विज्ञान जगत में अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी सफलता द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण है। इस सिद्धांत को ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत तथा ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम के तौर पर भी जाना जाता है। गणितीय रूप में यह इस प्रकार लिखा जा सकता है, ‘E = MC Square’
साल 1921 में ‘प्रकाश विद्युत उत्सर्जन’ की खोज के लिए इन्हें विश्व के सबसे सम्मानित पुरस्कार ‘नोबेल पुरस्कार’ द्वारा भी सम्मानित किया गया। इन सब के अलावा भी आइंस्टीन द्वारा कई खोज अविष्कार किए गए।
14 मार्च को अल्बर्ट आइंस्टाइन की जयंती (Albert Einstein Birthday) मनाई जाती है। और इसी दिन विश्व पाई दिवस भी मनाया जाता है।
आज हम आपके लिए अल्बर्ट आइंस्टाइन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography In Hindi) लेकर आए हैं।
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography in Hindi)
भौतिक शास्त्र के महान वैज्ञानिक आइंस्टीन(Albert Einstein)14 मार्च सन् 1879 में जर्मनी के ‘उल्म वुर्ट्टनबर्ग’ में एक यहूदी परिवार में पैदा हुए थे।
आइंस्टीन के पिताजी का नाम हरमनआइंस्टीन था जबकि उनकी माता का नाम पॉलिन आइंस्टीन था। आइंस्टीन के पिता एक इंजीनियर और विक्रेता थे जो बिजली के उपकरण बेचा करते थे। साल 1980 में जन्म के एक साल बाद ही आइंस्टीन अपने परिवार के साथ जर्मनी के म्युनिच शहर में आ गए।
अल्बर्ट आइंस्टाइन बचपन से ही असामान्य थे क्योंकि उनका सर सामान्य बच्चों की अपेक्षाकृत काफी बड़ा था और उनका व्यवहार भी दूसरे बच्चों की तरह नहीं था।
कहा जाता है कि पैदा होने के बाद लगभग 4 सालों तक आइंस्टीन बोलना नहीं जानते थे। लेकिन अचानक से एक दिन टेबल पर जब वह अपने माता पिता के साथ खाना खा रहे थे इस दौरान आइंस्टीन ने पहली बार बोला और कहा कि “सूप बहुत गर्म है!”
आइंस्टीन बचपन से ही बहुत जिज्ञासु प्रकृति के थे। वह हर एक चीज के बारे में जानना चाहते थे। बचपन में वह ज्यादा खेलना कूदना पसंद नहीं करते थे बल्कि इसकी बजाय वह ब्रह्मांड की परिकल्पना करते थे।
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अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा (Albert Einstein Education In Hindi)
अल्बर्ट आइंस्टीन ने साले 1896 में अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की।माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद आइंस्टीन ने फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल में दाखिला ले लिया।
इसी स्कूल में उनकी मुलाकात मिलेवा मेरिक से हुई जिसके साथ आगे चलकर इनका विवाह हुआ था। आइंस्टीन और मिलेवा दोनों ही भौतिक विज्ञान में बहुत अच्छे थे जिसके कारण उनकी केमिस्ट्री जम गई।
साल 1900 में अल्बर्ट आइंस्टाइन ने 21 साल की आयु में फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल से डिप्लोमा की डिग्री हासिल की।
30 अप्रैल 1905 को अल्बर्ट आइंस्टीन यूनिवर्सिटी आफ ज़्यूरिख़ से पीएचडी की डिग्री भी हासिल की।
अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह और बच्चे –
साल 1903 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी प्रेमिका और फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल की सहपाठी मिलेवा मेरिक के साथ शादी कर ली। इन दोनों का विवाह बर्न स्विजरलैंड में संपन्न हुआ। विवाह के एक वर्ष बाद ही साल 1904 में अल्बर्ट आइंस्टीन को एक बेटा भी पैदा हुआ जिसका नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन था।
साल 1910 में उन्हें एक और बेटा पैदा हुआ जिसका नाम एडवार्डआइंस्टीन था। हालांकि उनका यह दूसरा बेटा महज़ 20 साल की उम्र में ही मर गया था।
हालांकि अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह ज्यादा दिन तक चल नहीं पाया और आखिरकार 14 फरवरी 1919 को उनका उनकी पत्नी से तलाक हो गया।
अल्बर्ट आइंस्टाइन का वैज्ञानिक कार्यकाल –
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने विज्ञान के क्षेत्र में बहुत सारी खोजें की और 300 से भी अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित किए। उन्होंने काफी समय तक यूनिवर्सिटी आफ ज़्यूरिख़ में प्रोफेसर के तौर पर काम भी किया।
साल 1905 में अल्बर्ट आइंस्टाइन ने महज 26 साल की उम्र में प्रकाश विद्युत प्रभाव की खोज की। इस दौरान उन्होंने कुल चार शोधपत्र प्रकाशित किए, जिनमें प्रकाश विद्युत प्रभाव, ब्राउनियन गति, सापेक्षता का सिद्धांत, तथा द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण शामिल थे। यह भौतिक विज्ञान के ऐसे अनूठे शोध थे जिन्होंने भौतिकी में क्वांटम मैकेनिक्स और सापेक्षतावाद की नींव डाली।
बाद में उन्हें मुख्य रूप से इसी प्रकाश विद्युत प्रभाव की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अल्बर्ट आइंस्टाइन का नामांकन नोबेल पुरस्कार के लिए साल 1921 में ही किया गया था। हालांकि इस नामांकन के एक साल बाद साल 1922 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अल्बर्ट आइंस्टाइन के अविष्कार(Albert Einstein Inventions In Hindi)
प्रकाश विद्युत प्रभाव –
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने साल 1950 में जिस शोध पत्र को प्रकाशित किया उसमें उन्होंने प्रकाश विद्युत प्रभाव के बारे में बताया।
इस दौरान अल्बर्ट आइंस्टीन ने बताया कि प्रकाश की दोहरी प्रकृति होती है। यह कण तथा तरंग दोनों के रूप में व्यवहार करता है। इस दौरान आइंस्टीन ने ऊर्जा के पैकेट्स अर्थात् फोटोन के बारे में भी बताया।
प्रकाश विद्युत प्रभाव के सिद्धांत द्वारा आइंस्टीन ने बताया कि जब प्रकाश किसी धातु की सतह पर पड़ता है तो वहां से मुक्त इलेक्ट्रॉन प्रभावित होने लगते हैं जिस कारण विद्युत की उत्पत्ति होती है।
चूंकि इस सिद्धांत ने प्रकाश ऊर्जा द्वारा विद्युत ऊर्जा की उत्पत्ति की व्याख्या की इसीलिए इस सिद्धांत को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहा जाता है।
ब्राउनियन गति –
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने भी ब्राउनियन मोशन की खोज भी की थी। ब्राउनियन गति एक प्रकार का जिगजैग गति (Zig-Zag) है जिस का अवलोकन आइंस्टाइन ने परमाणु के निलंबन के दौरान किया था।
सापेक्षता का सिद्धांत –
सापेक्षता के सिद्धांत को स्पेशल थिअरी आफ रिलेटिविटी के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रकाशन भी साल 1905 में ही आइंस्टीन के शोध पत्र में हुआ था।
यह सिद्धांत गुरुत्वाकर्षण और समय दोनों के बीच परस्पर प्रभावों की व्याख्या करता है। इसके अलावा इस सिद्धांत में सापेक्ष गति की व्याख्या की गई है।
द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण –
द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण आइंस्टाइन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जाती है। इस सिद्धांत को गणितीय रूप से
‘E = MC Square‘ लिखा जाता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा दिया गया यह समीकरण द्रव्यमान और ऊर्जा में संबंध स्थापित करता है। आइंस्टीन के इस समीकरण को ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत और ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम के तौर पर भी जाना जाता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु –
17 अप्रैल 1955 को आंतरिक रक्तस्राव अर्थात इंटरनल ब्लीडिंग के कारण 76 साल की आयु में अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु हो गई।